लेज़र हेयर रिमूवल सिर्फ त्वचा सम्बंधी
समस्याओं को ही जन्म नहीं देती। इसके अलावा कई घातक बीमारियां भी लेज़र
हेयर रिमूवल के चलते अपने पांव जमाने में सफल हो जाती है। अतः लेज़र हेयर
रिमूवल का चयन करने से पहले इन अन्य बीमारियों के विषय में जानना आवश्यक
हैं आइये जानते हैं।
1-लेजर हेयर रिमूवल का अन्य अंगों पर असर
लेज़र द्वारा शरीर के बालों को निकालना कोई नई तकनीक नहीं है।
दशकों से सौंदर्य उद्योग में इसने अपने पांव जमा रखे हैं। लेकिन इस बात की
अनदेखी नहीं की जा सकती कि लेज़र हेयर रिमूवल के असंख्य नकारात्मक प्रभाव
है। सामन्यतः इसके बुरे प्रभाव हमारी त्वचा पर ही पड़ते हैं। मसलन त्वचा
में जलन होना, अतिरिक्त बाल निकल आना, सूज जाना, लाल हो जाना आदि। लेकिन
लेज़र हेयर रिमूवल सिर्फ त्वचा सम्बंधी समस्याओं को ही जन्म नहीं देती।
इसके अलावा कई घातक बीमारियां भी लेज़र हेयर रिमूवल के चलते अपने पांव
जमाने में सफल हो जाती है। अतः लेज़र हेयर रिमूवल का चयन करने से पहले इन
अन्य बीमारियों के विषय में जानना आवश्यक हैं आइये जानते हैं
2-आंखों में जलन
लेज़र हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट के दौरान हमारी त्वचा के जो बाल
जलते हैं उससे घातक रसायन निकलता है जो कुछ ही क्षणों में हवा में घुल जाता
है। यदि ऐसे में हम अपनी आंखों को सुरक्षित न रखें तो इसका बुरा प्रभाव
हमारी आंखों पर पड़ता है। आंखों में जलन हो सकती है। यही नहीं आंखों में
खुजली भी हो सकती है। अतः लेज़र हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट कराते समय अपनी
आंखों को सुरक्षा कवच से अवश्य ढकें
3-कैंसर
शायद आपको यह जानकर हैरानी हो कि लेज़र हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट के
दौरान जो धुआं निकलता है, वह इतना घातक होता है कि उससे कैंसर तक होने की
आशंका रहती है। असल में लेजर के दौरान निकल रहे धुएं में कई किस्म के रसायन
होते हैं जिससे त्वचा में खुजली, जलन जैसी समस्या तो हो ही सकती है। लेकिन
यदि 30 सेकेंड के अंदर इस धुएं से दूर न जाएं तो कैंसर के तत्व जन्म ले
सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक लेज़र हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट के दौरान
निकल रहे धुएं में 377 किस्म के रसायन पाए गए हैं। इसमें से 20 रसायन
कम्पाउंड ऐसे हैं जो घातक हैं इनमें कार्बन मोनोक्साइड भी है। इसके अलावा
13 ऐसे कारण भी इसमें शामिल हैं जिसके चलते कैंसर हो सकते हैं मसलन बेंज़ीन
आदि।
4-पर्यावरण के लिए अशुद्ध तत्व
यह कहने की जरूरत नहीं है कि यदि पर्यावरण शुद्ध न हो तो हम
बीमारी का घर बन सकते हैं। लेज़र हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट ऐसे ही तत्वों को
बढ़ावा देता है जिससे पर्यावरण दूषित हो सकता है। असल में लेज़र हेयर
रिमूवल ट्रीटमेंट के दौरन निकलने वाले 377 किस्म के रसायन में ऐसे रसायन भी
मौजूद हैं जो एंवायरमेंटल टाक्सिन हैं। इन्हें हम पर्यावरण विषाक्त पदार्थ
भी कह सकते हैं
5-नाक के लिए हानिकारक
लेज़र हेयर रिमूवल ट्रीटमेंट के दौरान निकलने वाला धुओं सबसे
पहले हमारी नाक में ही घुसता है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि लेज़र हेयर
रिमूवल ट्रीटमेंट के जरिये निकलने वाले धुएं में इतने फाइन पार्टिकल होते
हैं जो सहजता से हमारी नाक में घुस सकते हैं। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि
जो तत्व हमारे शरीर में कैंसर जैसी बीमारी को जन्म दे सकता है तो फिर यह
हमारी नाक को किस कदर नुकसान पहुंचा सकता है। इसका असर कहीं न कहीं हमारे
फेफड़ों पर भी पड़ सकता है
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