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Sunday, 31 July 2016

ऑनलाइन प्यार: क्या यह असली प्यार है?

ऑनलाइन प्यार: क्या यह असली प्यार है?

A friend of mine said
"मैं इस लड़की से मिला नहीं हूँ, लेकिन मैं उससे इन्टरनेट पर ऑनलाइन बातें करता हूँ," मेरे एक दोस्त ने कहा, "और मुझे लगता है की मुझे उससे प्यार हो गया है!"ऐसा कैसे हो सकता है? वो उससे असल ज़िन्दगी में अभी तक मिला भी नहीं है, मैंने सोचा!
ऑनलाइन प्यार को लेकर मुझे हमेशा संदेह रहा है - शायद मैं इन्टरनेट की दुनिया के लिए थोड़ी बूढ़ी हो चुकी हूँ। तो मेरे दोस्त की ऑनलाइन लव स्टोरी, मतलब प्रेम कहानी मेरे लिए एक चुनौती की तरह है।
और यह सब की शुरुवात हुई तब जब मेरे दोस्त ने एक डेटिंग साईट पर अपनी एक 'अच्छी' तस्वीर लगायी। "मैं ऑनलाइन डेटिंग को एक मौका देना चाहता था। मैंने अभी तक किसी डेटिंग साईट का इस्तेमाल नहीं किया था इसलिए मुझे बहुत जिज्ञासा भी थी," उसने कहा। "मैंने एक अच्छा सा वर्णन लिखा और तस्वीर के साथ उसे डेटिंग  साईट पर लगा दिया, और मैंने यह भी लिखा की मैं एक अच्छे और सच्चे रिश्ते की तलाश में हूँ।"
ऑनलाइन माध्यम से एक संजीदा रिश्ता ढूंढना कुछ ज्यादा ही अपेक्षा रखने जैसा नहीं है क्या? "क्या तुमने सुना नहीं है की बहुत सारे लोग तो ऑनलाइन मिलकर शादी भी करते हैं?", वो मुझसे चिल्लाकर बोला। "इतना दकियानुसी और  छोटी सोच वाली मत बनो!"
'सही' साथी चुनना
ठीक है, ठीक है। तो आगे क्या हुआ? मैं जानना चाहती थी की उसे अपना 'परफेक्ट' साथी कैसे मिला। "मैं किसी ऐसे साथी की तलाश में था जो की खुद भी संजीदा रिश्ता चाहती हो। ऐसे किसी से नहीं जो सिर्फ फ़्लर्ट करना चाह रही हो, या फिर एक रात का रिश्ता। इसलिए मैंने बहुत ध्यान से सोच समम्झ कर अपना ऑनलाइन प्रोफाइल डाला," मेरे दोस्त ने कहा।
"जब मैं बाकि लोगों की प्रोफाइल (वर्णन) देख रहा था, तो मुझे उसका प्रोफाइल मिला। मुझे लगा की उसका और मेरा व्यक्तित्व बहुत मेल खाता था। हम दोनों की एक जैसी पसंद थी - फोटोग्राफी, हाईकिंग और खाना! मुझे विश्वास ही नहीं हुआ - मैंने फटाफट उसे ऑनलाइन मेसेज भेज," उसने कहा।
मेरे दोस्त ने अगली कुछ रातें जाग कर निकाली जब तक उसको उस लड़की से जवाब नहीं आया। "मुझे लगा शायद उसे मुझमे कोई रुचि नहीं थी शायद उसे मैं अनाकर्षक लगा। बहुत सारे ख्याल मेरे दिमाग में दौड़ रहे थे। और आखिर में, मुझे उसका जवाब आया," उसने कहा।
प्यार हो जाना
उस लड़की का जवाब काफी पॉजिटिव था। "उस लड़की को वैसा ही महसूस हुआ था जैसे मुझे। पहले तो हमने दिन में एक बार एकदूसरे  को ईमेल करना शुरू किया, और फिर यह सिलसिला दिन में तीन-चार बार ईमेल करने का हो गया। और फिर हमने ऑनलाइन बातचीत करना शुरू कर दिया," मेरे दोस्त ने कहा। " अब मैं उससे अपनी ज़िन्दगी की बहुत सारी बातें बांटता हूँ. हम एक दूसरे  के बहुत करीब आ गए हैं," उसने कहा।
ह्म्म्म्म, तो उससे 'स्काइप' पर बात क्यूँ नहीं करता है, मैंने उससे पूछा। तब क्या अगर उसे बात में ऐसा लगा की कंप्यूटर के उस तरफ वाली लड़की जिसको वो बहुत खूबसूरत समझ रहा है, शायद उसके स्कूल का कोई लड़का है जो उसके साथ मज़ाक कर रहा है? "तुम कितनी अविश्वासी हो, तुम मेरे लिए खुश क्यूँ नहीं हो सकती," उसने गुस्से से पूछा।

आमने-सामने मिलना
"मुझे लगता है मुझे उस लड़की से प्यार हो गया है," मेरे दोस्त ने कहा। "मैं तो उसको आमने सामने मिलने के लिए कहने वाला हूँ," उसने कहा। मुझे फिर से कुछ बोलने में डर लग रहा था लेकिन मैंने हिम्मत जुटा के बोला, तब क्या अगर वो वैसी नहीं निकली जैसा की तुम सोच रहे हो। 
"तुम्हे क्या लगता है मैंने इस बारे में सोचा नहीं है? मेरे अपने शंकाएं हैं, लेकिन मुझे लगता मुझे इसे एक मौका तो देना ही चाहिए। मुझे नहीं लगता की मुझे किसी ऐसे इंसान से प्यार है जो की झूठी है।  हालाँकि यह रिश्ता अभी तक सिर्फ ऑनलाइन है लेकिन मुझे फिर भी इस पर बहुत भरोसा है," उसने कहा।
मेरे प्यारे! उसकी बात से तो यही लग रहा था की उसे सचमुच अपने ऑनलाइन प्यार से सच्चा प्यार है! तो उसके लिए तो मेरे दिल से बस दुआ ही निकलती है की सब अच्छा ही अच्छा हो!

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