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Friday, 29 July 2016

मुझे मेरी बीवी अब आकर्षक नहीं लगती- मैं क्या करूँ?

मुझे मेरी बीवी अब आकर्षक नहीं लगती- मैं क्या करूँ?

Aunty ji se poocho
हमारी शादी को 6 साल बीत चुके हैंI हमारे बीच एक गहरा रिश्ता हैI लेकिन मुझे अब उसके लिए कोई आकर्षण महसूस नहीं होताI मुझे लगता है वो नहीं बदली, मेरा ही दिमाग बदल गया हैI मदद करिये आंटीजी...गुरप्रीत (31),बैंगलोर
आंटीजी कहती हैं... ओह्हो मेरे पुत्तर, ये क्या हो रहा है बेटा? ज़रा इस बारे बात करते हैं...
नीरस ज़िन्दगी
6 साल एक दूसरे को अच्छी तरह समझने के लिए काफी होते हैं, और शायद यही समस्या की जड़ हैI एक दूसरे के साथ इतना समय बिताने से कई बार हम उनका मोल कम समझने लगते हैंI
जैसे हमें उस नल की आदत पद जाती है जो टपकता रहता है, और हम रोज़ सोचते हैं की कल ठीक करा लेंगे, ठीक वैसे ही हम अपने आस पास के करीबी लोगों के बारे में भी सोचने लग जाते हैंI 'जैसे चल रहा है ठीक है'! है ना?
मेरे ख्याल से तुझे अपनी आत्मा को फिर से तलाशना होगाI मुझे लगता है पुत्तर कि तू बोर हो गया है, अपनी बीवी से नहीं, बल्कि अपनी ज़िन्दगी के वही घिसेपिटे रूटीन सेI कोई कशिश नहीं, कोई उत्साह नहीं, मैं सही कह रही हूँ ना बेटा? तो चलो पहले तेरी ज़िन्दगी ढूँढ़ते हैंI
क्या कमी है?
कोई हॉबी? खेलकूद?जिम? वर्ल्ड कप फूटबाल? कुकिंग? बैठ, और ठन्डे दिम्माग से सोच कि कौनसी वो चीज़ें हैं जो तू शादी से पहले करता था या करना चाहता थाI कहीं कुछ कमी तो नहीं रह गयी? पता लगा और उस कमी को पूरा करI
अब तेरी मैडम कि बात करते हैं! तूने कहा कि वो बिलकुल नहीं बदलीI क्यों भाई?क्या वो 6 साल से वैसी की वैसी है? उसका खुद को बेहतर बनाने का जूनून और जोश कहाँ है? ऐसे काम नहीं चलता!
जा बेटे और इस ठहरे हुए पानी में कंकड़ फेंक, ये ज़रूरी है की हम सब अपने आप को बीतते समय के साथ पहले से बेहतर बनाते रहेI तेरे मोबाइल का भी तो थोड़े दिन में सॉफ्टवेयर अपग्रेड होता है, तो इंसानो को भी अपना अपग्रेड करना चाहिएI और इस बदलाव का मतलब ये बिलकुल नहीं की हम अपनी आधारभूत मर्यादाओं या विश्वास को बदल देंI लेकिन इनके अलावा भी बहुत कुछ ऐसा है जो बदला जा सकता हैI
बात करने का समय आ गया है
अब सवाल ये है पुत्तर की कैसे? गुरप्रीत, एक मीटिंग बुला बेटे- अपनी पार्टनर के साथ और उसे अपनी मन की बात बता देI उसे कह दे," मैं अपने आप से खुश नहीं हूँ, मैं खुद को बेहतर बनाना चाहता हूँ और मुझे इसमें तुम्हारी मदद चाहिएI मैं तुम्हारे साथ सिर्फ रहना नहीं चाहता, बल्कि जीना चाहता हूँI"
उसके बाद उसे बता की खुद को बेहतर बनाने के लिए तूने कौसनी चीज़ें बदलने का फैसला किया है? उसकी ज़िन्दगी को आसान बनाने के लिए तूने क्या फैसला लिया हैI दूरियां मिटा और वो एक चीज़ जानने की कोशिश कर जो तुम दोनों एक साथ कर सकते होI
उसका हौसला बढ़ा, अपनी किसी हॉबी को पूरा करने के लिए- बिना तुझपर निर्भर रहे! उसकी दीवानगी को फिर से ज़िंदा करI उसके इस बदलाव में उसका साथी बनI जानता है क्यों बेटा? क्यूंकि ये रिश्ते,ये प्यार ये साथी, ये सब अनमोल हैंI
हिम्मत मत हार
मेरे लिए ये कह देना आसान है पुत्तर, कि चल कोई गल नहीं, थोड़ी कोशिश कर, और अगर कुछ असर ना हो तो भूल जा सब कुछ और आगे बढ़ जाI नहीं बेटा, बिलकुल नहीं, जिन लोगों ने हमारा हमेशा साथ दिया है उन्हें हम सिर्फ बोरियत के बहाने से पीछे नहीं छोड़ सकतेI रिश्ते पकने में बहुत त्याग और समय लगता है, तोड़ने में बस एक पलI
मैं जानती हूँ कि हमें उनसे भी यही उम्मीद रहती है, जो कई बार पूरी नहीं हो पातीI तो उन्हें बता, उनसे बाँट, नाराज़ होI लेकिन हिम्मत मत हार और उन्हें अकेला मत छोड़I
मैं यहाँ सेक्स का ज़िक्र करने कि सोच रही थी बेटा, लेकिन मैंने खुद को रोक लियाI जनता है क्यों? क्यूंकि मैं नहीं मानती कि सेक्स हर मुसीबत का इलाज हैI असल में इसका उल्टा सच हैI अगर सब कुछ सही चल रहा हो तो वो चिंगारी सेक्स में अपने आप दिखाई देती हैI इसलिए मेरे बेटे, बाकि चीज़ों का समाधान पहले कर, सेक्स कि सलाह मैं तुझे फिर कभी दे दूंगीI जा और वापस ले आ अपनी खुशनुमा ज़िन्दगी

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