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Saturday, 30 July 2016

समलैंगिकता का इलाज?

समलैंगिकता का इलाज?

Gay cure trauma
डच राज्य  मेडिकल  इंसोरेंस  समलैंगिकता  के  इलाज  का  खर्चा उठाते हैं- इस रहस्योद्याघाटन  ने  बहुत  से  लोगों  को  स्तब्ध कर दिया। नीदरलैंड समलैंगिकता स्वीकार करने के मामले में दुनिया के सबसे उदारवादी देशों में से एक है। लेकिन यहाँ भी कुछ लोग हैं जो इस बात पर भरोसा करते हैं कि समलैंगिकता का इलाज संभव है।
ईसाई धर्म  की  एक  संस्था  समलैंगिकता  से  जूझ  रहे  ईसाई  लोगों  को  इससे  निजात दिलाने  के  लिए  ‘कोर्स’ करवाती  है।
विचित्र
डच  स्वास्थ्य  मंत्री  एडिथ  स्चिप्पेर्स  ने  कहा  कि  उन्हें  भी  यह  बात  सुनकर  बड़ा  ताज्जुब  हुआ  कि  इंसोरेंस   कम्पनियां  इस  इलाज  का  खर्चा  उठा  रही  हैं।
समलैंगिक लोगों  को  इलाज  द्वारा  विषमलिंगी  बना  देती  की  बात  एकदम  “विचित्र” है, स्वास्थ्य मंत्री  ने  कहा।यह  इंसोरेंस  का  हिस्सा  नहीं  होना  चाहिए  क्यूंकि  “समलैंगिकता कोई  बीमारी  ही  नहीं  है,” उन्होंने  कहा।
इसी  पाठयक्रम  के  एक  भूतपूर्व  शिक्षक  राफेल  क्रीमेर्स  ने  अपने  आप  को  समलैंगिकमान  लिया  है। आज, वो  इस  बात  से  इनकार  करते  हैं  कि उन्होने  समलैंगिक लोगों  को  विषमलिंगी  बनाने  का  कोई  पाठ  पढाया  है।
गलती
“मैंने  यह  दस  साल  तक  किया  और  मुझे  यकीन   था  कि  इसका  मुझ  पर  ज़रूर  असर पड़ेगा,” उन्होंने  कहा। “मुझे  यह  समझने  में  कई  साल  लग गए  कि  यह  ऐसी  चीज़ नहीं  जिसे  बदला  जा  सके।”
“इस  कोर्स  की  वजह  से  मुझे  अपनी  सच्चाई  को मान  लेने  में  सामान्य  से  अधिक  समय  लग  गया। ”एक  समलैंगिक  व्यक्ति  ने  डच  टीवी  को  बताया। उन्होने  यह  स्वीकारा  कि  इस  कोर्स  के  द्वारा  अपनी  लैंगिकता  को परिवर्तित   करने  का  प्रयास  करना  उनकी गलती  थी।
योग से इलाज?
डच विवाद  ने  इस  बात  को  उजागर  किया  कि  ‘समलैंगिकता  के  इलाज’ की  धरना  अभी  भी विश्व  भर  में मानी  जाती  है।
भारत  के  स्वास्थ्य  मंत्री गुलाम  नबी  आज़ाद  के  बयान  से  2011 में  बवाल  मच  गया  जब  उन्होने  समलैंगिकता  को  ‘विदेशियों  द्वारा  लायी  गयी  एक  बीमारी बताया- हालाँकि बाद  में  उन्होने  कहा  की  उनके  कथन  कोगलत  तरीके  से  प्रस्तुत  किया।
उनका  यह  कथन  सर्वोच्च  न्यायलय  के  समलैगिकता  को अपराध  न माने  जाने  के  ऐतिहासिक  फैसले  के  2 साल  बाद  आया।
जब  न्यायलय  ने  समलैंगिकता  से  रोक  हटा  दी  तो  हिन्दू  योग  गुरु  बाबा  रामदेव  ने  कहा  कि  समिलैंगिकता  का   इलाज  योग  के  मध्तम  से   संभव  है।
“यह  किसी  और  बीमारी  की  तरह  ठीककिया  जा  सकता  है,” उन्होने  कहा।“ इस  तरह  की असामान्यता  को  योग, प्राणायाम  एवं  ध्यान  से  दूर  किया  जा  सकता  है।”
राष्ट्रपति  के  पद  की   दावेदार  मिचेले  बच्मन  2011 में  उस  वक़्त  सुर्ख़ियों  में  आ  गयीं  जब  इस  बात  का  खुलासा  हुआ  कि  वो  अपने  पति  के  साथ  मिलकर  “पूजा  पाठ  से  समलैंगिकता  के  इलाज” करने  वाली  संस्था  से  जुडी  हुई  थी। जबकि अमेरिका में  समलैंगिकता  को  मानसिक  रोगों  की  आधिकारिक  सूची  से  40 साल  पहले  ही  हटा  दिया  गया  था। अमेरिकी  मनोरोग  संस्था  ने  यह  चेतावनी  दी  कि  इस प्रकार  का  कोई  भी  इलाज  संभव  नहीं  है  और  यह  किसी  व्यक्ति  के  दिमाग  पर  बुरा  असर  डालता  है।

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