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Friday, 29 July 2016

मैं यह कैसे निश्चित कर सकती हूँ की मुझे पहली बार रक्तस्राव हो?


Menstruationमैं यह कैसे निश्चित कर सकती हूँ की मुझे पहली बार रक्तस्राव हो?


कुछ लड़कियाँ विशेषकर अपनी शादी की रात को रक्तस्राव चाहती हैं। हो सकता है, की किसी परिवार में यह खून के निशान युक्त चादर दिखाने की प्रथा है। हो सकता है वे अपने पति को यह विश्वास दिलाना चाहें की वे कुंवारी हैं जबकी वास्तव में वे कुंवारी न हों। या हो सकता है वे अब भी कुंवारी हों पर इस बात से चिंतित हों की अगर उन्हें रक्तस्राव न हुआ तो उनके पति उनके कौमार्य पर शक करेंगें।
इन सभी कारणों के लिए कुछ लड़कियाँ या महिलाएं शादी की रात पर रक्तस्राव को निश्चित करने के तरीके ढूढती हैं। ऐसा करने की बहुत सी तरकीबें हैं, उंगली को काट कर चादर पर खून की कुछ बूंदें टपकाने से लेकर कृत्रिम झिल्ली बनवाने तक। कुछ लड़कियाँ अपनी झिल्ली को पुनस्र्थापित करने के लिए शल्य क्रिया भी करवाने का प्रयास करतीं हैं।
यदि कोई लड़की इनमें से किसी तरकीब का उपयोग करती हैं तो उन्हें याद रखना चाहिए की यह मिथ्य की पहली बार सेक्स करते समय रक्तस्राव होता है, को जिन्दा रखने में भागीदार हैं!

मैं अपनी झिल्ली को पुनस्र्थापित (रीस्टोर) कैसे कर सकती हूँ?

यहाँ ’पुनस्र्थापन‘ शब्द का उपयोग करना गलत होगा क्योंकि झिल्ली को पुनस्र्थापित करने के लिए ऐसा कुछ है ही नहीं, परन्तु एक कृत्रिम झिल्ली बनायी जा सकती है। झिल्ली के पुनस्र्थपन के लिए दो प्रकार की शल्य क्रिया होती है -
·         योनि की परत का उपयोग करके एक झिल्ली बनाई जाती है जो योनिद्वार को ढक देती है। सेक्स के समय यह फट जाती है और रक्तस्राव होता है। नई झिल्ली बनाने के लिए बाहरी होंठ को सिल दिया जाता है। इसे इनफिब्यूलेषन कहते हैं और बहुत से देशों में ऐसा करना कानूनन अपराध है क्योंकि यह मासिक रक्तस्राव को रोकता है।
·         दोनों ही प्रकार की शल्यक्रिया में योनि को कसा जाता है जिससे जब लिंग का योनि में प्रवेश हो तो रक्तस्राव हो। यह भी तब होगा, यदि सब योजना के अनुसार हो, क्योंकि शल्यक्रिया के बाद यह निष्चित ही होगा, इसकी कोई गारन्टी नहीं है।

मैं अपने कौमार्य को कैसे साबित कर सकती हूँ?

असल में यह साबित नहीं किया जा सकता। शायद ही कोई चिकित्सक या डाक्टर यह निश्चित रुप से बता पाएंगें की लड़की की योनि में लिंग का प्रवेश हुआ है या नहीं। पर कभी कभी, यदि किसी न किसी कारण से लड़की के होने वाले ससुराल वालों को उनके कौमार्य पर शक है तो लड़की को अनेक परेशानियों से बचाने के लिए चिकित्सक या डाक्टर ’कौमार्य प्रमाणपत्र‘ देने में संकोच नहीं करते हैं।

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